करोड़ों बैंक ग्राहकों के लिए RBI का बड़ा तोहफा, EMI वालों के लिए आया नया नियम
RBI द्वारा जारी किया गया नया नियम देगा लाभ, दे रहा है पेनल्टी से राहत!
आरबीआई के नये नियमों से ईएमआई चुकाने वालों को मिलेगी सुविधा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिससे करोड़ों बैंक ग्राहकों को बड़ा तोहफा मिला है। इस नये नियम के तहत, जो ग्राहक लोन लेते हैं और वे अपनी ईएमआई चुका नहीं पाते हैं, उनके लिए नए चार्ज के नियम लागू किए गए हैं। आइए इस नए नियम को और अधिक विस्तार से जानते हैं।
नया नियम क्या है? यह नया नियम उन ग्राहकों के लिए बड़ी राहत हो सकता है जिन्होंने लोन लिया है लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति के कारण वे ईएमआई चुका नहीं पा रहे हैं। अब उन्हें उस पर ब्याज के साथ-साथ पेनल्टी चार्ज नहीं देना होगा। यानी वे फिर अपने बकाया राशि के लिए ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ेंगे।
नियम के मुताबिक, बैंक द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों में सीमा यह नया नियम निम्नलिखित प्रमुख शुल्कों पर लागू होगा:
पेनल्टी चार्ज: अगर ग्राहक अपनी ईएमआई चुका नहीं पाते हैं तो उन पर अब सिर्फ 'उचित' पेनल्टी चार्जेस लगेंगे। इससे उन्हें ब्याज के साथ अधिक पैसे नहीं देने पड़ेंगे।
दंडात्मक शुल्क: अगर ग्राहक अपने लोन की नियमों और शर्तों का उल्लंघन करते हैं और उन पर जुर्माना लगाया जाता है, तो उन्हें 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में ही पेनल्टी लगेगी। इसके साथ ही, उनके अग्रिम ब्याज पर भी अब दंडात्मक ब्याज नहीं लगेगा।
नया नियम कब से लागू होगा?रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए इस नए नियम का पालन बैंकों को 1 जनवरी 2023 से करना होगा। इससे पहले के लोनों पर यह नियम लागू नहीं होगा, यानी जो लोन लोगों ने इससे पहले लिये हैं, उन पर यह नया नियम लागू नहीं होगा।
नया नियम किसके लिए होगा लागू? यह नया नियम निम्नलिखित वित्तीय संस्थानों पर लागू होगा:कमर्शियल बैंक
सहकारी बैंक
एनबीएफसी कंपनियां (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां)
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां
एक्जिम बैंक
नाबार्ड
एनएचबी
सिडबी
एनएबीएफआईडी समेत अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान।
नये नियम का मकसद इस नये नियम का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को ब्याज और शुल्कों के मामले में आराम प्रदान करना है। यह नियम ग्राहकों की आर्थिक स्थिति को मदद करने का प्रयास है जो लोन के बदले ब्याज और शुल्कों के लिए सतर्क रहते हैं। इससे उन्हें आर्थिक समस्याओं से निपटने में मदद मिल सकती है और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है।
नये नियम के लाभईएमआई चुकाने में किसी ग्राहक को अधिक पैसे देने की आवश्यकता नहीं होगी।
ग्राहकों को ब्याज और शुल्कों के मामले में आराम मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है <।br />बैंकों की तरफ से अनगिनत शुल्कों के बजाय, ग्राहकों के प्रति अधिक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण का परिप्रेक्ष्य बनेगा।
सारांश रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस नए नियम के तहत लोन खातों में पेनल्टी और ब्याज दरों के खुलासे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इससे ग्राहकों को आर्थिक स्थिति में राहत मिलेगी और वे बिना अत्यधिक शुल्कों के लिए परेशानी नहीं उठाना पड़ेगा। इस नए नियम का पालन बैंकों के लिए भी ग्राहकों की समर्थनपूर्ण दृष्टिकोण को प्रकट करेगा और उनकी सेवा में सुधार करेगा। यह नया नियम आर्थिक समानता और संरचितता की दिशा में एक प्रमुख कदम हो सकता है।
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